एक बार अक्षरों में सभा हुई की हम अकेले रहते हे तो हमारा कोई औचित्य नहीं रहता, हमें संयुक्त रहना चाहिये / पर इसका प्रभार किस पर सौपा जाये??
इस पर भारी बहस हुई / सभी अक्षरों पर सहमति बनाने का विचार हुआ/ इसके लिए सर्व प्रथम (स ,श ,ष)"श " को चुना गया क्यूंकि "स" से समर्पण होता हें / जब तक समर्पण न हो तब तक कोई भी कार्य संभव नहीं हें /
फिर "ब " अक्षर पर सहमति बनी / "ब " से बहार (सृजन) और बर्बाद/ सभी ने कहा इसमें सृजन और विद्वन्श की शक्ति हे इसलिए इसे भी चुना जाये और किस-किस को इसका प्रभार सौपा जाये इसपर बहस जारी थी/
फिर किसी ने सुझाव दिया की इन दोनों का संयुक्त प्रयास तभी सार्थक हे जब इनके साथ "द " अक्षर भी रहे, क्यूंकि "द " से दर्पण होता हे/ इनके कार्यो को यही दर्शाएगा / इन तीनो को संयुक्त किया जाये/
लेकिन "श "और "द " अक्षर ने इसका विरोध किया की "ब " अक्षर हमारे साथ रहेगा तो हमारा प्रभाव कम हो जायेगा/ सभी सिर्फ "ब " अक्षर की प्रशंशा करेंगे / बड़ी विकट समस्या प्रकट हो गई / सभी सोच विचार करने लगे / सभी ने अपने बड़ो को सुझाव देने को कहा , इस पर सभी की सहमति बनी की "ब" अक्षर का प्रभाव कम किया जाये और उन्होंने इसे आधा कर दिया / अब "ब "अक्षर आधा ही रह गया /
तीनो अक्षरों को क्रमशः एकत्रित किया गया इस से "शब्द " की रचना हुई / सभी अक्षरों में ख़ुशी छाई की अब हमारा कुछ रुतबा बढ़ेगा , हमें कुछ अर्थ मिलेगा ,सभी हमें समझेंगे / "ब " अक्षर के आधे किये जाने से उसकी शक्ति भी आधी हो गई / वो अब "ब " को बहार( सृजन) कर सकता था या बर्बाद (विद्वंश )/ अब अक्षरों की संयुक्त पंक्ति को "शब्द "कहा जाने लगा / इस प्रकार अक्षरों से शब्द का निर्माण हुआ /
अब शब्दों के आलेख से हम समाज में बहार (ख़ुशी ) लाते हे या बर्बादी (विद्वंश ) ये हमारे विवेक पर ही निर्भर करता हे //
इस पर भारी बहस हुई / सभी अक्षरों पर सहमति बनाने का विचार हुआ/ इसके लिए सर्व प्रथम (स ,श ,ष)"श " को चुना गया क्यूंकि "स" से समर्पण होता हें / जब तक समर्पण न हो तब तक कोई भी कार्य संभव नहीं हें /
फिर "ब " अक्षर पर सहमति बनी / "ब " से बहार (सृजन) और बर्बाद/ सभी ने कहा इसमें सृजन और विद्वन्श की शक्ति हे इसलिए इसे भी चुना जाये और किस-किस को इसका प्रभार सौपा जाये इसपर बहस जारी थी/
फिर किसी ने सुझाव दिया की इन दोनों का संयुक्त प्रयास तभी सार्थक हे जब इनके साथ "द " अक्षर भी रहे, क्यूंकि "द " से दर्पण होता हे/ इनके कार्यो को यही दर्शाएगा / इन तीनो को संयुक्त किया जाये/
लेकिन "श "और "द " अक्षर ने इसका विरोध किया की "ब " अक्षर हमारे साथ रहेगा तो हमारा प्रभाव कम हो जायेगा/ सभी सिर्फ "ब " अक्षर की प्रशंशा करेंगे / बड़ी विकट समस्या प्रकट हो गई / सभी सोच विचार करने लगे / सभी ने अपने बड़ो को सुझाव देने को कहा , इस पर सभी की सहमति बनी की "ब" अक्षर का प्रभाव कम किया जाये और उन्होंने इसे आधा कर दिया / अब "ब "अक्षर आधा ही रह गया /
तीनो अक्षरों को क्रमशः एकत्रित किया गया इस से "शब्द " की रचना हुई / सभी अक्षरों में ख़ुशी छाई की अब हमारा कुछ रुतबा बढ़ेगा , हमें कुछ अर्थ मिलेगा ,सभी हमें समझेंगे / "ब " अक्षर के आधे किये जाने से उसकी शक्ति भी आधी हो गई / वो अब "ब " को बहार( सृजन) कर सकता था या बर्बाद (विद्वंश )/ अब अक्षरों की संयुक्त पंक्ति को "शब्द "कहा जाने लगा / इस प्रकार अक्षरों से शब्द का निर्माण हुआ /
अब शब्दों के आलेख से हम समाज में बहार (ख़ुशी ) लाते हे या बर्बादी (विद्वंश ) ये हमारे विवेक पर ही निर्भर करता हे //
Bohot hi gehra lekh.... keep it up!!
ReplyDeleteकल 24/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
वाह ... क्या अवलोकन है शब्द की उत्पत्ति का ...
ReplyDeleteपर ये सच है की सबकुछ अपने हाथ में ही होता है ...
तीनो अक्षरों को क्रमशः एकत्रित किया गया इस से "शब्द " की रचना हुई / सभी अक्षरों में ख़ुशी छाई की अब हमारा कुछ रुतबा बढ़ेगा ..jab tak alag-alag the koi mahatva nahi tha mil gaye to ban gayee baat..
ReplyDelete..shabdon ka prayog karna sabkuch hamare vivek par nirbhar hai ...
bahut sundar saarthak prastuti..
it all depends on how we perceive
ReplyDeletehalf glass full
or full half glass
sarthak rachna..
ReplyDeleteand also it's different....
keep it up..
Cakes Online Delivery
ReplyDelete