कोयल की कूक सी लगती
एक भोली सी मीठी माँ //
बर्तन ,चूल्हा , चक्की
घर के गलियारे सी लगती माँ //
थकी-थकी सी आखें उसकी
एक पीपल की छाया माँ //
फटी हुई सी धोती पहने
सुबह काम पर जाती माँ //
बचा-कूचा कुछ सुखा लेकर
बच्चो को खिलाती माँ //
खुद को भूका रखकर
सबका ध्यान रखती माँ //
बड़ी -बड़ी मुश्किलों से भी
कभी नहीं हरी माँ //
आसुओं से नाम आखें
सदा चुप रहती माँ //
बच्चो को कभी सुलाती
थकी -थकी सी लगती माँ //
ममता की फिर नई कहानी
सदा गूंजती रहती माँ //
~विपुल~
एक भोली सी मीठी माँ //
बर्तन ,चूल्हा , चक्की
घर के गलियारे सी लगती माँ //
थकी-थकी सी आखें उसकी
एक पीपल की छाया माँ //
फटी हुई सी धोती पहने
सुबह काम पर जाती माँ //
बचा-कूचा कुछ सुखा लेकर
बच्चो को खिलाती माँ //
खुद को भूका रखकर
सबका ध्यान रखती माँ //
बड़ी -बड़ी मुश्किलों से भी
कभी नहीं हरी माँ //
आसुओं से नाम आखें
सदा चुप रहती माँ //
बच्चो को कभी सुलाती
थकी -थकी सी लगती माँ //
ममता की फिर नई कहानी
सदा गूंजती रहती माँ //
~विपुल~
मेरी पिछली पोस्ट में हुई परेशानियों के लिए अपने सभी followers से क्षमा चाहता हू //
ReplyDeleteउम्मीद करता हु मेरी यह पोस्ट आप सभी को पसंद आयगी ..... में अपनी पोस्ट्स नूपुर की हेल्प से देवनागरी में पोस्ट करता रहूँगा।...आप सभी का धन्यवाद।....
bhaavpoorn rachna , badhaayi
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
माँ बस माँ ही है और कुछ नहीं .......सुन्दर रचना
ReplyDeletesuperb expressions..
ReplyDeleteMa mom mommy.. each n everything about her is divine n lovely
Maa jaise pyari mamtamayee rachna ..
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ReplyDeletebirthday gifts to India
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