Wednesday, 5 September 2012

त्यौहार

जीवन एक त्यौहार बने
फाग बसंती मधुमास बने..

रंग बने , खुशबु बने
शबनम सा एहसास बने..

जीवन एक झरने सा कल- कल बहता
उन्मुक्त अल्हड उल्हास बने... 

पिहू, पपीहे सा कलरव 
जीवन का हर गान बने... 

जीवन एक त्यौहार बने ...

दीप जले हर अंधियारे में 
दीप शिखा हर रत बने.. 
भूके की रोटी बने ..
मरते का जीवन दान बने.. 
बच्चे सी मीठी मुस्कान बने..

जीवन एक त्यौहार बने..

फाग बसंती मधुमास बने...

~विपुल ~

7 comments:

  1. A good take on the diversity of life ... well done :-)

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  2. बहुत सुन्दर चाह.....

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  3. वाह...
    बहुत सुन्दर...
    सभी चाहतें पूरी हों...
    अनु

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  4. सुन्दर चाहते जरुर पूरी हो..
    शुभकामनाये..
    :-)

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