Tuesday, 12 June 2012

/// बचपन सुहाना ///




चलो ढूंढ़ ला वो बचपन सुहाना. . .
वो मासूम बातें,,
वो छत पर छोटा सा घरौंदा बनाना///

वो अंगूर की डालि का यूं झुक जाना. . .
उन में से चुन चुन के अंगूर खाना///

वो करते थे हम आप में झगड़ा. . .
वो आप में करते थे हम एक-दूजे की चिंता///

कुछ कड़वी कुछ मीठी सी यादें. . .
कुछ समय की उलझन में खो सी बातें///

चलो ढूंढ़ ला वो बचपन सुहाना. . .
चलो...... चलो////

37 comments:

  1. आपने तो हमारे भी बचपन की याद दिला दी :)

    ब्लॉग जगत मे आपका हार्दिक स्वागत है।


    सादर

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  2. हाँ बचपन....

    उसी मस्ती की याद दिला दी आपने. आभार.

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  3. Dhanyawaad yashwant ji :)

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  4. वो गिल्ली डंडा , वो कंचे, वो इमली के चिंये , वो कटी पतंग , वो बहती नाक और वो सरकती नेकर और वो चुरा कर खाना मलाई दूध की , बहुत कुछ याद आता है बचपन का , पर कमबख्त अब वो बचपन लौट कर नहीं आता है |

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  5. @दीपक बाबा
    Bachpan he hi esa...bhulaye nahi bhulta... :)

    @अमित श्रीवास्तव
    Sahi he bilkul....

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  6. Welcome in the blog world... :-) Nice beginning ...

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  7. काश बचपन ...सिर्फ १ बार और जीने का मौका मिल जाता ...

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  8. Bachpan he hi esa...sunehra aur sundar :)

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  9. bachpan mai pocket money mai milne wala 1 rupaya jo khushi deta tha wo aaj 100 rupaya milne ke bad bhi nhi milati hai
    i really miss my childhood days
    nice wrttn

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  10. @shekhar suman
    Thanx

    @anju chaudhary
    ye mouka to hum sabhi dhundte he,,par mil nai pata :(

    @noopur
    sahi kaha....

    @vinamra jain
    childhood is the best part of life...with lots of memories.... :)

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  11. vo bachpan ka samay ... vo barish ka pani .. aur kagaz ki kashti ...
    nikkar me ghumna .. aur ghutne fudwana ...

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  12. कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन.....
    बचपन के दिन
    जब दिल नहीं..
    खिलौने टूटा करते थे
    आज आँसू का
    एक कतरा भी असहनीय है
    बचपन में तो हम
    जीभर रोया करते थे
    सादर

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    1. कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन..... :) :)

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  13. Bachpan life ka sab se acche pal hote hai...

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  14. खुशबूदार रचना
    दूसरी बार आई हूँ
    आती रहूँगी

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  15. बचपन की यादें .... खूबसूरत रचना

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  16. बचपन की यादों को ताज़ा करती सुन्दर रचना...

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  17. @yashoda ji
    aate rahiye...apka hmesha swagat he....

    @sangeeta ji
    dhanyawaad....

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  18. बच पण याद आ गया ...आहूत खूब

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  19. बचपन की यादें ताज़ा कर दीं...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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    2. Dhanyawad kailash ji :)

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  20. Koi mera bachpan mujhe lauta do.....

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  21. @suresh kumar ji
    kash koi louta pata

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  22. वाह .. बहुत खूब ..

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  23. वो बचपन के दिन कितने दूर हो गये
    खट्टे अब जीवन के सब अंगूर हो गये.

    सुंदर खटमीठी रचना.....

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  24. बहुत सुन्दर बस उही लिखते रहिये
    बहुत अच्छी तरह से अपनी भावनाओ को वयक्त किया है अपने
    डेर sari शुभकानाए और ब्लॉग जगत में आपका सवागत है
    दिनेश पारीक

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  25. sehaj aur sundar rachna!

    badhai kabule!

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